भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) और रामसर आर्द्रभूमियाँ UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त वैश्विक धरोहर हैं। ये हमारी सभ्यता की जीवंत अभिव्यक्ति, पर्यावरण संतुलन और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक हैं। 2024 तक, भारत में 15 अमूर्त विरासतें और 85 रामसर स्थल मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
क्रमांक | नाम | वर्ष | विवरण |
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1 | वैदिक जप की परंपरा | 2008 | वेदों का पारंपरिक उच्चारण जो गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से सदियों से संरक्षित है |
2 | रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन | 2008 | रामायण की कथा का नाट्य रूपांतरण जो विशेष रूप से उत्तर भारत में दशहरा के अवसर पर आयोजित किया जाता है |
3 | कुटियाट्टम, संस्कृत थिएटर | 2009 | केरल का प्राचीन संस्कृत नाट्य रूप जो 2000 वर्षों से अधिक पुराना है |
4 | रम्मन, धार्मिक त्योहार और गढ़वाल हिमालय के अनुष्ठान थिएटर | 2009 | उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र का पारंपरिक धार्मिक नाट्य रूप |
5 | मुदियेट्टू, अनुष्ठान थिएटर और केरल के नृत्य नाटक | 2010 | केरल का एक शक्तिशाली अनुष्ठानिक नृत्य नाटक जो देवी भद्रकाली और दानव दारिका के युद्ध को दर्शाता है |
6 | कालबेलिया लोक गीत और नृत्य, राजस्थान | 2010 | राजस्थान के कालबेलिया समुदाय का सर्पिल नृत्य जो साँपों की गतिविधियों से प्रेरित है |
7 | छऊ नृत्य | 2010 | पूर्वी भारत (झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा) का मुखौटा नृत्य जो महाभारत और रामायण के पात्रों को दर्शाता है |
8 | लद्दाख का बौद्ध जप | 2012 | लद्दाख के बौद्ध मठों में की जाने वाली पारंपरिक प्रार्थनाएँ और मंत्रोच्चार |
9 | संकीर्तन, अनुष्ठान गायन, ड्रमिंग और मणिपुर का नृत्य | 2013 | मणिपुर का भक्ति संगीत जिसमें ढोल, मृदंग और नृत्य के साथ कीर्तन किया जाता है |
10 | जंडियाला गुरु के ठठेरे (पंजाब): पारंपरिक पीतल और तांबे के बर्तन बनाने की कला | 2014 | पंजाब के जंडियाला गुरु के कारीगरों द्वारा हाथ से बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन |
11 | योग | 2016 | भारत की सबसे प्रसिद्ध देन जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन सिखाती है |
12 | नवरोज़ उत्सव | 2016 | पारसी और मध्य एशियाई समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला नववर्ष त्योहार |
13 | कुंभ मेला | 2017 | विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम जहाँ करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं |
14 | कोलकाता की दुर्गा पूजा | 2021 | बंगाल की सबसे बड़ी सांस्कृतिक घटना जहाँ भव्य पंडालों में दुर्गा माँ की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं |
15 | गुजरात का गरबा नृत्य | 2023 | नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला ऊर्जावान नृत्य जो देवी शक्ति की पूजा का प्रतीक है |
भारत की 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत और 85 रामसर स्थल (आर्द्रभूमियाँ) हमारी सभ्यता की जीवंत अभिव्यक्ति हैं। ये न केवल हमारे गौरव का प्रतीक हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षण की माँग भी करती हैं। यूनेस्को की मान्यता ने इन्हें वैश्विक पहचान दी है, परंतु इनकी सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।