भारतीय संविधान के भाग 5 (अनुच्छेद 52-151) का गहन विश्लेषण
भारतीय संविधान का भाग 5 संघीय ढांचे की आधारशिला है, जहाँ राष्ट्रपति के पद को केन्द्र में रखकर शासन व्यवस्था की संकल्पना की गई है। यह व्यवस्था ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से प्रेरित है, परंतु भारतीय संदर्भ में इसकी अद्वितीय व्याख्या की गई है।
भारतीय राष्ट्रपति की स्थिति को समझने के लिए तुलनात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है...
पहलू | भारतीय राष्ट्रपति | ब्रिटिश सम्राट | अमेरिकी राष्ट्रपति |
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शक्तियाँ | नाममात्र प्रमुख (संवैधानिक) | नाममात्र प्रमुख (पारंपरिक) | वास्तविक कार्यपालिका प्रमुख |
निर्वाचन | अप्रत्यक्ष (निर्वाचक मंडल) | वंशानुगत | प्रत्यक्ष (निर्वाचक मंडल) |
उत्तरदायित्व | मंत्रिपरिषद के प्रति | संसद के प्रति | जनता के प्रति |
गहन चिंतन: भारतीय संविधान ने राष्ट्रपति के पद को एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन प्रदान किया है - जहाँ एक ओर यह राष्ट्र की एकता का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर वास्तविक शक्तियाँ जनप्रतिनिधियों के हाथ में हैं। यह व्यवस्था लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत "जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन" को साकार करती है।
यह अनुच्छेद भारतीय गणराज्य के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति की स्थापना करता है। संवैधानिक दृष्टिकोण से:
अनुच्छेद 53(1) और 53(2) राष्ट्रपति की शक्तियों को परिभाषित करते हैं, परंतु ये शक्तियाँ वास्तव में मंत्रिपरिषद द्वारा प्रयोग की जाती हैं। यह संवैधानिक विरोधाभास नहीं, बल्कि संसदीय प्रणाली का मूल सिद्धांत है।
राष्ट्रपति थल, जल और वायु सेना का सर्वोच्च कमांडर है, परंतु वास्तविक नियंत्रण रक्षा मंत्रालय के पास होता है। युद्ध और शांति की घोषणा संसद की स्वीकृति से ही संभव है।
भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव एक अद्वितीय प्रणाली के तहत होता है जो संघीय ढाँचे और लोकतांत्रिक मूल्यों का समन्वय स्थापित करता है...
राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक मत का मूल्य अलग-अलग होता है, जो निम्न सूत्र द्वारा निर्धारित होता है:
विधायक का मत मूल्य = (राज्य की कुल जनसंख्या) / (विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या × 1000)
सांसद का मत मूल्य = (सभी राज्यों के विधायकों के मतों का कुल योग) / (संसद के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या)
इस प्रणाली का उद्देश्य राज्यों और केंद्र के बीच शक्ति संतुलन स्थापित करना है, साथ ही जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है।
महत्वपूर्ण विचार: राष्ट्रपति की "आरक्षित शक्तियाँ" संवैधानिक संकट की स्थिति में विशेष महत्व रखती हैं, जैसे कि किसी स्पष्ट बहुमत वाले दल के अभाव में प्रधानमंत्री चुनने का निर्णय। ये शक्तियाँ संविधान के मूल ढांचे की रक्षा करती हैं।
अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति को पद से हटाने की जटिल प्रक्रिया निर्धारित करता है...
भारतीय इतिहास में अभी तक किसी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं लगाया गया है। यह प्रावधान संवैधानिक अनुशासन बनाए रखने के लिए एक निवारक उपाय के रूप में कार्य करता है।
चिंतन का बिंदु: भारतीय राष्ट्रपति का पद समय के साथ कैसे विकसित हुआ है? क्या यह केवल एक औपचारिक पद है या संकटकाल में इसकी वास्तविक भूमिका उभरकर सामने आती है? संविधान निर्माताओं ने इस पद को किन उद्देश्यों से सृजित किया था और क्या वे उद्देश्य आज भी प्रासंगिक हैं?
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राष्ट्रपति की भूमिका को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
जब किसी स्पष्ट बहुमत वाले दल/गठबंधन का अभाव हो, तो राष्ट्रपति को यह निर्णय लेना होता है कि सरकार बनाने का अवसर किसे दिया जाए। 1990 के दशक में कई अवसरों पर इस प्रकार के निर्णय लेने पड़े।
राष्ट्रपति किसी विधेयक को पुनर्विचार के लिए संसद को लौटा सकते हैं (एक बार), परंतु यदि संसद उसे पुनः पारित कर दे, तो उन्हें अनुमति देनी होती है। कुछ विशेष मामलों में वे विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए आरक्षित कर सकते हैं।
राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय (मंत्रिपरिषद की सलाह पर) लेते हैं। यह एक संवेदनशील विषय है जिसमें राजनीतिक तटस्थता आवश्यक है।
2014 के बाद से, राष्ट्रपति द्वारा अभिभाषण (संसद के संयुक्त सत्र में) में सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया जाता है। यह परंपरा भारत में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से ली गई है।
Q1. भारत का राष्ट्रपति किसके समान एक दिखावटी प्रमुख (Nominal Head) है?
Q2. "भारत का एक राष्ट्रपति होगा" यह प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
Q3. भारत के राष्ट्रपति को "देश का प्रथम नागरिक" किस आधार पर कहा जाता है?
Q4. संघीय कार्यपालिका की सभी शक्तियाँ किसमें निहित हैं?
Q5. राष्ट्रपति भारत की सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर होता है, यह प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
Q6. राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल (Electoral College) में शामिल हैं:
Q7. 70वें संविधान संशोधन (1992) के बाद किन केंद्रशासित प्रदेशों के विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में मताधिकार मिला?
Q8. राष्ट्रपति चुनाव में किस मतदान प्रणाली का प्रयोग होता है?
Q9. राष्ट्रपति पद के लिए न्यूनतम आयु सीमा क्या है?
Q10. राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन के लिए कितने निर्वाचक मंडल सदस्यों का समर्थन आवश्यक है?
Q11. राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
Q12. राष्ट्रपति का वेतन किस कोष से दिया जाता है?
Q13. राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है?
Q14. राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment) किस आधार पर लगाया जा सकता है?
Q15. महाभियोग प्रक्रिया में किस बहुमत की आवश्यकता होती है?
Q16. भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे?
Q17. निर्विरोध निर्वाचित होने वाले एकमात्र राष्ट्रपति कौन थे?
Q18. भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कौन थीं?